खुदा ने फरमाया,
बोला,
मेरे दोस्त की आखें,
महफूज़ रखना,
दर्द, पीर और अश्रु न छु पायें,
उन आखों में लरजते प्यार औ मनुहार,
बता तेरी राजा क्या है,
थोड़ी आखें झुका,बोला,
मेरे दोस्त की आखें,
महफूज़ रखना,
दर्द, पीर और अश्रु न छु पायें,
उन आखों में लरजते प्यार औ मनुहार,
फबते हैं....
खुदा ने कहा कुछ नहीं बस,
सर पर हाथ फेर गायब हुवे,
आमीन
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