देश का प्रेजिडेंट अपनी की धरती पर चेक किया जाता है वो भी अमरीका की सेना करती है मगर उसपर तुरा यह की वहां की सरकार या की ऐर्लिंस माफ़ी तक नही मांगती। यह तो देश के प्रोत्कोले का सीधा उलंघन है। हमारी सरकार को तक इस बात का इल्म हुवा जब लोक सभा में हंगामा हुवा। वरना कलम साहब तो इतने नेक दिल हैं की उन्न्ने तो यह तब कुबूल नही किया की उनके संग ग़लत भी हुवा।
साहब दूसरी घटना है हरयाणा की जहाँ खुलायम संविधान का उल्नाघन हुवा , बल्कि पुलिस तो दम दबा कर उस जींद के गावों से भाग खड़ी हुई। वो पुलिसको तो अपनी जान जोखिम में लगा जो भाग लिया।
यह एक ऐसा मंच है जहां आप उपेक्षित शिक्षा, बच्चे और शिक्षा को केंद्र में देख-पढ़ सकते हैं। अपनी राय बेधड़ यहां साझा कर सकते हैं। बेहिचक, बेधड़क।
Saturday, July 25, 2009
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शिक्षकीय दुनिया की कहानी के पात्र
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