पुस्तक समीक्षा भी साहित्य में जुड़
सबलोग पत्रिका की सामग्री बेहद अची है इसकेलिए सम्पद्किये टीम को साधुवाद। इस पत्र में राजनीती, बाज़ार , गंभीर लेख सब कुछ हैं। नीलाभ का लेख पढ़ कर आताम्तोश मिला।
इक सुझावों देने से रोक नही पा रहा हूँ ख़ुद को, वो यह की पुस्तक समीक्षा भी साहित्य में जुड़ जाए तो यह अधुरा पत्र पूर्ण सा हो जाएगा।
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