चलो करते हैं बातें हवा की
मौसम की और यूं तो आप कह सकते हैं
पल पल तो हम बातें ही करते हैं
फिर क्या नई बात है
हाँ है न
आप हैं मेरे तमाम बातें सुनकर चले जायंगे
दोस्तो में कहेंगे
यार कोई तो है जो बातें करता है
हवा से
दिवार से
और यूं तो
कहते हैं
दिवार से बात करने वाले को
पागल कहते हैं
मगर दिवार के भी कान होते हैं
तभी तो कहते हैं
यह एक ऐसा मंच है जहां आप उपेक्षित शिक्षा, बच्चे और शिक्षा को केंद्र में देख-पढ़ सकते हैं। अपनी राय बेधड़ यहां साझा कर सकते हैं। बेहिचक, बेधड़क।
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