विडुआ : शेखर जोशी की रचना का बाल मंचन
प्यारे लाल हॉल में शेखर जोशी की रचना विडुआ का बाल मंचन देखकर ज़रा भी महसूस नहीं हुआ कि इसे बच्चों ने कितनी शिद्दत से जीया। इस नाटक के सह निर्देशक श्री गौरव वर्मा ने अपनी आवाज और निर्देशन से जीवंत बना दिया। गौरव वर्मा सचमुच पूर्वी दिल्ली नगर निगम स्कूल के हजारों शिक्षक, अधिकारियों और दोस्तों को यह संदेश देने में कामयाब रहे कि अपनी रूचि को पंख लगा सकते हैं।
विडुआ पहली बार सुनने में अर्थ स्पष्ट नहीं करता। जैसे पंचलाइट वैसे ही विडियो को विडुआ कहा गया। गांव की भाषा,बोली, पहनाने के साथ बच्चों ने इस कथानक को िंजंदा कर दिया।
मंचन के बाद दिल्ली हिन्दी अकादमी की उपाध्यक्ष सुश्री मैत्रयी पुष्पा और सचिव डॉ जीत राम भट्ट ने फूल दे कर स्वागत किया। दिल्ली अकादमी ने ग्रीष्म कालीन बाल नाट्य रंग महोत्सव का आयोजन किया जिसमें दो सौ से भी ज्यादा बच्चों ने हिस्सा लिया।
2 comments:
हिन्दी अकादमी का दिल से धन्यवाद जिन्होंने मुझे विडुआ नाटय का मंचन करने का अवसर प्रदान किया. बच्चों के साथ काम करके मुझे बड़ा आनंद आया| मेरे काम और गायन को आप लोगों ने सराहा आप सभी का दिल से धन्यवाद
shukriya Gaurav ji your work is louder than voice. keep it up.
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