स्कूल में बच्चे नहीं आते, मास्टर जी पढ़ाते नहीं हैं। स्कूल में पढ़ाई नहीं होती। इस तरह के आरोप अक्सर लगाए जाते हैं। कहा तो यह भी जाता है कि सरकारी स्कूलों में कामचोर और गैर जिम्मेदाराना लोग आते हैं। उन्हें पढ़ाने नहीं आता। बच्चों को कुछ नहीं बनाना तो सरकारी स्कूल में भेज दो आदि।
ज्बकि हकीकत यह है कि आज भी सरकारी स्कूलों मंे खासे पढ़े लिखे टीचर हैं। उनमें पढ़ाने का जज्बा भी है। लेकिन सबसे बड़ी समस्या यह है कि कई स्कूलों में बच्चे ही नहीं हैं। जहां बच्चे हैं वहां पूरे टीचर नहीं हैं।
सचपूछा जाए तो सरकारी स्कूल कुछ सालों के बाद शायद इतिहास का हिस्सा हो जाए। हम बताया करेंगे कि इस तरह के सरकारी स्कूल हुआ करते थे। इस तंत्र को बचाना जरूरी है।
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