कौशलेंद्र प्रपन्न
First Published:24-09-14 11:33 AM
Last Updated:24-09-14 11:33 AM
तुम अलग-अलग चुपचाप पढ़ते हो। इससे तुम जो पढ़ते हो, वह सिर्फ तुम ही पढ़ते और समझते हो। लेकिन जब तुम टीम में मिलकर पढ़ोगे तो ज्यादा आनंद आएगा। वह इस तरह कि यदि तुम्हें कोई चीज समझने में परेशानी हो रही है तो वह तुम दूसरे दोस्त से बातचीत कर पूछ सकते हो। जिस भी दोस्त को टीम में कोई सवाल आता होगा या समझ में आ गया होगा, वह तुम्हें समझा सकता है।
टीम में मिलकर पढ़ने का एक लाभ यह भी है कि एक बच्चे की तैयारी से दूसरे बच्चों को भी फायदा होता है। मान लो, तुम्हें गणित पढ़ने में कठिनाई आ रही है, वहीं दूसरे दोस्त की मैथ अच्छी है, तो वह बिना टीचर का इंतजार किए तुम्हें मैथ के प्रॉब्लम्स का हल बता सकता है। उसी तरह यदि कविता को समझने व पढ़ने के तरीके ठीक से नहीं आ रहे हैं, मगर दूसरे बच्चे को आते हैं तो वह तुम्हारी मदद कर सकता है।
कई बार अकेले पढ़ते वक्त नींद और निराशा भी होने लगती है, लेकिन जब हम टीम में बैठकर एक साथ पढ़ते हैं तब एक प्रतियोगिता की भावना भी हममें भर जाती है कि वह तो पढ़ रहा है, यदि मैंने ठीक से पाठ नहीं पढ़ा तो मैं तो पीछे रह जाऊंगा। दूसरी स्थिति यह भी पैदा होती है कि हम जैसे ही समूह में बैठते हैं, बस वैसी ही बातचीत शुरू कर देते हैं। हमें यह नहीं भूलना चाहिए कि हम पढ़ने के लिए एक साथ बैठ रहे हैं, न कि बातचीत करने के लिए।
समूह में बैठकर पढ़ने से कई सारी बातें स्पष्ट भी होती जाती हैं। इसलिए अब तुम लोग अपनी क्लास में एक ऐसी ही टीम बना सकते हो, जो एक साथ बैठकर पढ़े। तुम इस टीम में हर सदस्य को पहले से ही टॉपिक दे सकते हो, ताकि वह सदस्य उस खास विषय को तैयार करके आए। इससे एक बच्चे के पास एक से ज्यादा विषयों की तैयारी एक ही समय में हो जाएगी और साथ ही तुम्हारे भीतर टीम भावना का भी विकास होगा।
टीम में मिलकर पढ़ने का एक लाभ यह भी है कि एक बच्चे की तैयारी से दूसरे बच्चों को भी फायदा होता है। मान लो, तुम्हें गणित पढ़ने में कठिनाई आ रही है, वहीं दूसरे दोस्त की मैथ अच्छी है, तो वह बिना टीचर का इंतजार किए तुम्हें मैथ के प्रॉब्लम्स का हल बता सकता है। उसी तरह यदि कविता को समझने व पढ़ने के तरीके ठीक से नहीं आ रहे हैं, मगर दूसरे बच्चे को आते हैं तो वह तुम्हारी मदद कर सकता है।
कई बार अकेले पढ़ते वक्त नींद और निराशा भी होने लगती है, लेकिन जब हम टीम में बैठकर एक साथ पढ़ते हैं तब एक प्रतियोगिता की भावना भी हममें भर जाती है कि वह तो पढ़ रहा है, यदि मैंने ठीक से पाठ नहीं पढ़ा तो मैं तो पीछे रह जाऊंगा। दूसरी स्थिति यह भी पैदा होती है कि हम जैसे ही समूह में बैठते हैं, बस वैसी ही बातचीत शुरू कर देते हैं। हमें यह नहीं भूलना चाहिए कि हम पढ़ने के लिए एक साथ बैठ रहे हैं, न कि बातचीत करने के लिए।
समूह में बैठकर पढ़ने से कई सारी बातें स्पष्ट भी होती जाती हैं। इसलिए अब तुम लोग अपनी क्लास में एक ऐसी ही टीम बना सकते हो, जो एक साथ बैठकर पढ़े। तुम इस टीम में हर सदस्य को पहले से ही टॉपिक दे सकते हो, ताकि वह सदस्य उस खास विषय को तैयार करके आए। इससे एक बच्चे के पास एक से ज्यादा विषयों की तैयारी एक ही समय में हो जाएगी और साथ ही तुम्हारे भीतर टीम भावना का भी विकास होगा।
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