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Tuesday, August 11, 2009
कुछ जगह याद दिलाती हैं
हाँ कुछ जगहें यैसे हुवा करते हैं जहाँ जा कर येसा लगता है के सारे लोग तकलीफ और रोड पर ही रहा करते हैं । क्या सुबह और क्या शाम या की रात हर समय जहाँ लोग ही लोग रहते हैं । जहाँ कराह, इंतज़ार और बेहतर ख़बर की आश लोगों को हर पल सोने नही देता। हॉस्पिटल तो उन्हीं में से इक है जहाँ हर पल किसी न किसी के आने का या फिर बेहतर की ख़बर आने के उमीद में बस रात दिन इक कर देते हैं॥ डॉक्टर या की सिस्टर सब के सब देव से कम नही लगते , उनके हर शब्द ब्रह्म के अल्फाज़ के कम नाही होते। उनकी shabd कई बार परेशां भी करती हैं ।
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शिक्षकीय दुनिया की कहानी के पात्र
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bat hai to alfaz bhi honge yahin kahin, chalo dhundh layen, gum ho gaya jo bhid me. chand hasi ki gung, kho gai, kho gai vo khil khilati saf...
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