कुछ लोग यैसे ही हुवा करते हैं जिनके लिए न बना ही नहीं। यैसे लोगो को आज के चालाक लोग बेवकूफ कहा करते हैं। और तो और साहब लोग इन महासये को जितना हो सकता है उसे करते हैं ऊपर से मुर्ख समझते है। क्या है कि उनकी सहजता को ये लोग नासमझी मानते हैं।
क्या कीजियेगा साहिब ये लोग होते है यैसे हैं कि ठोकर खा कर भी हेल्प के लिए आगे आ जाते है।
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